तुम जो इतना अपने धर्म को लेकर चीखते - चिल्लाते फ़िरते थे,
देखो ये क्या हुआ कि,
तुम्हें तुम्हारे धर्म वाली अंतिम क्रिया भी नसीब न हुई,
और अब ये हो रहा है कि,
तुम्हारी कब्रों पर तुम्हारे होने की आखिरी निशानी,
वो आखिरी चीज़ जो दुनिया से तुम्हें नसीब हुई,
वो रामनामी भी तुम्हारे ऊपर से हटाई जा रही है,
हुआ है ये कि राम नाम पर बनी सराकार को,
रामनामी का डर सताया है,
रोज़ अखबरों में सरकारी दावों की पोल खोलती,
तुम्हारी कब्रों की छाया है,
ये वही लोग हैं जिन्होंने,
सबको आपस में लड़ाया है...!!
तुम तो चले गए मगर तुम्हारे बाद,
कल को जब वहां मेला लगाया जाएगा,
जश्न मनाया जाएगा,
तो तुम्हारे परिजन उसी रेत पर,
जहां तुम दफ़नाए गए हो,
वहां अपनों के साथ,
खुशियां मनाएंगे,
वो तुम्हें याद तो करेंगे,
मगर तुम कहां दफ़न हो ये भूल जाएंगे!
तुम्हें ज़िन्दा रहकर क्या मिला?
तुम मरकर भी क्या पाओगे?
धर्म में बंटवारे का राग अलापने वाले,
अब कैसे हिन्दुत्व बचाओगे?
यही बेहतर है सबकी खातिर,
कि अब भी जाग जाओ,
तुम्हें तोड़ने वाली सरकार के,
जाल में न आओ,
सारे भेदभाव छोड़कर,
संकट के समय में एक दूसरे का साथ निभाओ...!!